हमारे भारत देश में हजारो की संख्या में चमत्कारी मंदिर है | इन मंदिरो के चमत्कार के कारण लोग इन मंदिरो के दर्शन करने के लिए दूर दूर से आते है | अगर हम भारत देश के मंदिरो के इतिहास की बात करें तो हजारो साल पुराने मंदिर हमारे देश में अभी भी मौजद है जहाँ लोग अपनी भक्ति और श्रद्धा से देवी देवताओं की पूजा करते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है | आज हम आपको शनिदेव के एक ऐसे मंदिर के बारें में बताने वाले है जो की लगभग 2000 साल पुराना है | इस मंदिर में जो भी भक्त तेल चढ़ा के जाता है भगवान शनिदेव उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते है |
नवग्रह शनिदेव मंदिर
नवग्रह शनिदेव मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित है | इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की ये मंदिर लगभग 2000 वर्ष पुराना है | इस मंदिर की स्थापना राजा विक्रमादित्य ने कराई थी | इस मंदिर को लोग शनिदेव मंदिर और नवग्रह शनिदेव धाम के नाम से भी जानते है | इस मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दूर दूर से आतें है |
शनिदेव के इस मंदिर का इतिहास विक्रम संवत के इतिहास से जुड़ा हुआ है | इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की ये मंदिर शनिदेव का पहला मंदिर है जहा न्यायधीश शनिदेव विराजमान है | यहाँ शनिदेव की प्रतिमा के साथ साथ शनि ढैय्या भी स्थापित है | इस मंदिर में तेल चढाने के लिए लोग दूर दूर से आते है | इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की जो भी यहाँ तेल चढ़ाता है उसके ऊपर से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या समाप्त हो जाती है |
शनिदेव के इस मंदिर में अमावस्या के दिन शनिदेव के ऊपर 5 क्विंटल से भी अधिक तेल चढ़ाया जाता है | इस तेल को एकत्रित करने के लिए मंदिर का प्रशासन टंकियों की व्यवस्था करता है | उसके पश्चात इस तेल को नीलाम भी किया जाता है | अमावस्या के दिन श्रदालु तेल चढ़ाकर शनिदेव को प्रसन्न करने का प्रयास करते है और जो श्रदालु शनिदेव को प्रसन्न कर लेता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है और कभी भी जीवन में उसे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है | उस व्यक्ति के जीवन से भगवान शनिदेव की कृपा से दुःख, गरीबी, दरिद्र, कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती है |