विवाह एक मनुष्य जीवन का बहुत बड़ा अंग है | ये ऐसा बंधन है, जिसमे एक स्त्री और पुरुष के साथ उनके परिवारों में भी एक रिश्ता बनता है | हिन्दू धर्म में विवाह की परम्परा एक लम्बे समय से चली आ रही है | पुराणों में कुछ ऐसे विवाहो के बारे में जिक्र किया गया है, जिनमे स्वयं भगवान भी शामिल हुए थे | इतना ही नहीं विवाह में शामिल हुए देवी देवताओ ने नवविवाहित को आशीर्वाद भी दिया | आज हम आपको ऐसे ही विवाहो के बारे में जानकारी देने जा रहे है |
राम सीता विवाह
भगवान राम और माता सीता के विवाह को सबसे चर्चित विवाह माना जाता है | रामायण के अनुसार इस विवाह में सभी मनुष्य और देवता भी शामिल होना चाहते थे | बताया जाता है की इस विवाह में स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश रूद्र ब्राह्मण के वेश में शामिल हुए थे, और उनके अलावा भी कई भगवान विभिन्न रूप में आये थे |
भगवान शिव के विवाह
भगवान शिव का विवाह जब सती से हुआ तब सभी देवगण भी उनके विवाह में शामिल हुए थे | लेकिन बाद में जब राजा दक्ष की वजह से जब माता सती ने अपने आपको को भस्म करके समाप्त कर लिया था | इसके बाद जब भगवान शिव का विवाह पार्वती से हुआ था, तब सभी देवी देवता, भूत प्रेत, राक्षस सभी उनकी बारात में शामिल हुए थे |
श्री गणेश जी का विवाह
प्राचीन कथाओं के अनुसार गणेश जी का विवाह अजीब परिस्थितियों में हुआ था | पुराणों के अनुसार बाद में गणेश जी का विवाह रिद्धि और सिद्धि से हुआ जो कि ब्रह्मा जी की मानस पुत्रियां थी | रिद्धि से क्षेम और सिद्धि से लाभ पैदा हुए | इन्हे शुभ लाभ के नाम से भी जाना जाता है | गणेश जी के विवाह में सभी भगवान उपस्थित हुए थे और अपना आर्शीवाद प्रदान किया था |
भगवान विष्णु और लक्ष्मी का विवाह
पुराणों में यह विवाह भी चर्चित है | बताया जाता है कि माँ लक्ष्मी के स्वयंवर में भगवान विष्णु के साथ नारद मुनि भी आये थे और वो भी माँ लक्ष्मी से विवाह करना चाहते थे | लेकिन बाद में विवाह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का हुआ, बताया जाता है की इससे नारद जी खूब नाराज हुए थे | इस विवाह को भी सभी देवी देवताओ का आशीर्वाद मिला था |
भगवान कृष्ण और रुक्मणि विवाह
भगवान कृष्ण के और रुक्मणि के विवाह के बारे में कई रोचक कथाये सुनने को मिलती है | इन्ही कथाओ में बताया गया है कि सभी देवी और देवता इस विवाह में शामिल हुए थे और भगवान कृष्ण और रुक्मणि को अपना आशीर्वाद दिया था |