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अमरता पाने के लिए करवाया गया था इस मंदिर का निर्माण, यह है सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर
Jan 16 2020
क्या आप जानते है विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर कहा स्थित है | आप सोच रहे होंगे कि ये भारत में कहीं स्थित होगा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा मंदिर भारत नहीं कम्बोडिया में मौजूद है | इस मंदिर की नाम अंकोर वाट है, कम्बोडिया में निर्मित अंकोर वाट का मंदिर हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा मंदिर है, यह भगवान विष्णु का मंदिर है |
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1181 ई. से 1205 ई. के दौरान खमेर साम्राज्य के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय द्वारा करवाया गया था | 162.6 हेक्टेअर के क्षेत्र में फैला ये मंदिर बेहद ही विशाल है, इसकी शुभ देखते ही बनती है | इस मंदिर का का नाम खमेर साम्रज्य की राजधानी के नाम पर पड़ा था | खमेर साम्रज्य की राजधानी अंकोर हुआ करती थी, इसी के चलते इसका नाम अंकोर वाट का मंदिर पड़ा | आज हम आपको इस मंदिर के बारे में रोचक जानकारी देने जा रहे है |
- अंकोर वाट हिन्दुओ का सबसे बड़ा मंदिर है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है |
- अंकोर मंदिर की परिधि के चारो तरफ खाई है, जिसमे पानी है, हालाँकि अब इस खाई पर पूल बना दिया गया है, ताकि मंदिर में आसानी से जाया जा सके |
- अंकोर वाट मंदिर एक विशाल चबूतरे पर निर्मित है, जिसके 3 भाग है और प्रत्येक भाग पर 8 गुंबद है |
- मंदिर की दीवारों और शिलालेखों और रामायण, महाभारत, स्वर्ग नरक, पुराण आदि के कई लेख लिखे गए है और आकृतिया भी उकेरी गयी है |
- मंदिर के परिसर में विशाल पत्थरो को काटकर भव्य मूर्तियां बनाई गयी है, इसके अलावा मंदिर में स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति की शोभा देखते ही बनती है |
- आपको जानकर हैरानी होगी कि यह मंदिर इतना विशाल है कि कई लोग तो इसका आधा हिस्सा देखकर ही हार मान लेते है |
- अंकोर वाट को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया है |
- अंकोर वाट मंदिर कम्बोडिया की शान है, यहां के राष्ट्र ध्वज पर अंकोर वाट मंदिर की तस्वीर छपी है |
- अंकोर वाट का अर्थ होता है मंदिरो की नगरी या मंदिरो का क्षेत्र
अमर होने के लिए करवाया गया था निर्माण
इस मंदिर का निर्माण खमेर साम्राज्य के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने करवाया था, लेकिन इसी बीच उनकी मृत्यु हो गयी जिस कारण उन्हें उनके बाद उनके उत्तराधिकारी धरणीन्द्रवर्मन ने इस मंदिर का निर्माण अपने शासनकाल में करवाया था | बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मा ने अमरता पाने के लिए करवाया था | इस मंदिर में विशाल पूजा स्थल है, जहाँ ब्रह्मा विष्णु और महेश की पूजा एकसाथ की जाती है | ऐसा भी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण इंद्रदेव ने अपने पुत्र के लिए करवाया था |
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