ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव अपनी राशि बदलते है, या फिर किसी पर इनकी ढैय्या, महादशा या साढ़ेसाती लगती है, तो उस व्यक्ति के जीवन में कुछ समय पहले से ही इसका असर नजर आने लग जाता है | जिन लोगो को शनिदेव दण्डित करने वाले होते है, उनके हावभाव व शरीर के कुछ अंगो में विशेष परिवर्तन आने लग जाता है | बताया जाता है ये परिवर्तन बुरे समय की शुरुआत से 2 माह पहले ही नजर आने लगते है | ऐसे में अगर इन लक्षणों की समय पर पहचान कर ली जाये तो कुछ उपाय करके साढ़ेसाती के प्रभाव को काम किया जा सकता है | आज हम आपको इनकी लक्षणों के बारे में जानकारी देने आए है |
हथेली का रंग
यदि आपकी हथेली का रंग अचानक बदलने लगे और हथेलियों में कहीं नीला या काला धब्बा दिखाई दे, या फिर हथेली का रंग ही काला या नीला प्रतीत होने लगे तो यह समझ ले कि जीवन में शनिदेव का आगमन हो चूका है, और वे कर्मो का दंड देने वाले है |
कलंकित होने का भय
जब शनि देव जीवन में प्रवेश कर जाते है, तो ललाट से चमक गायब हो जाती है और ललाट पर कालापन नजर आने लगता है | यह स्थिति बहुत ही विपरीत स्थिति मानी जाती है, ऐसी स्थिति समाज में कलंकित होने का इशारा होती है | ऐसी स्थिति में व्यक्ति अकारण ही कलंकित होने लगता है |
नाख़ून टूटना
हथेली की मध्यमा ऊँगली को शनि की ऊँगली माना जाता है | ज्योतिष के अनुसार जब शनि विपरीत अवस्था में होते है, तो व्यक्ति की मध्यमा ऊँगली का रंग बदलने लगता है, नाख़ून का कमजोर होकर टूटना भी शनि की विपरीत अवस्था का इशारा होता है |
कलह
शनि के आगमन से व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आने लगती है, उसके विचार बदलने लगते है | वह छोटी छोटी बातो पर चिढ़ने लगता है, छोटी छोटी बातो पर वह कलह करने लगता है, धर्म कर्म से भी उसका मन उचट जाता है |
सिर का गर्म रहना
जब शनि कुंडली में प्रवेश कर जाता है, तो सर्दी जैसे मौसम में भी व्यक्ति की ललाट गर्म रहने लगती है | उसके जीवन में खर्च बढ़ जाते है | उसके जीवन में धन का आगमन होने से पहले ही उसके गमन के रास्ते खुल जाते है |