सोते समय नींद में सपने देखना कोई नई बात नहीं है, इसे एक सामान्य प्रक्रिया माना जाता है | इसे हमारी नींद और आराम का एक हिस्सा माना जाता है, लेकिन सपने देखने के बारे में कई रिसर्च आदि हो चुकी है | मनोचिकित्सा विज्ञान की माने तो सपने देखने के पीछे हमारी कुछ दबी हुयी इच्छाएं और भावनाये आदि होती है, और जब हम सोते है, तो वे सभी हमारे दिमाग में एक फिल्म की तरह चलने लगते है, यही स्थिति सपना कहलाती है | हालाँकि ज्योतिष में इसके अलग मायने है, ज्योतिष के अनुसार किसी भी चीज का सपना देखना होने वाली किसी घटना या परिवर्तन का संकेत होता है | आज हम स्वपन शास्त्र से जुडी कुछ बातें बताने जा रहे है |
स्वप्न शास्त्र में प्रत्येक सपने का महत्व है, प्रत्येक सपने किसी न किसी चीज का संकेत देता है | इसीलिए कहा जाता है कि सपनो को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए | हम जो भी सपने देखते है, उनका सीधा संबंध हमारी असल जिंदगी से होता है | वैसे तो नींद की अवस्था में हम सोते समय कई तरह के सपने देखते है, लेकिन आज हम आपको एक विशेष सपने के बारे में बताने जा रहे है, जिसे देखना शुभता का संकेत माना जाता है |
आज हम उस स्वप्न की बात करने जा रहे है जिसमे हम स्वयं को सोता हुआ देखते है | स्वप्न शास्त्र में इस स्वप्न को बहुत ही शुभ बताया गया है | इस सपने को देखना हमारे जीवन में होने वाले शुभ बदलाव का संकेत होता है |
सपने में खुद को सामान्य अवस्था में रोते हुए देखना जीवन में मिलने वाली बड़ी उपलब्धि का संकेत होता है, साथ ही ये जीवन में आ रही समस्या के अंत को भी व्यक्त करता है |
स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने में ऐसी स्थिति में रोना जिसमे आँखों से बड़े बड़े आंसू गिर रहे हो, तो ये स्थिति अपने दुखो को गिराने को दर्शाती है |
इसके अलावा स्वप्न शास्त्र में बताया गया है की सपने में सामान्य से तेज अवस्था या तेज चिल्ला कर रोना सही नहीं माना जाता है, ये आने वाली अशुभ स्थिति का संकेत देता है |