अक्सर सुनने में आता है कि भगवान को याद करने का कोई समय नहीं होता है | व्यक्ति के मन में भगवान् के प्रति आस्था होनी चाहिए, वह जब चाहे भगवान का सम्पर्ण आराधना कर सकता है | हालाँकि जब भगवान की पूजा करने की बात आती है, तो ऐसी कई चीजे होती है जिन पर रोक होती है |
ऐसे कई लोग होते है जो अक्सर रात में भगवान की पूजा करते है, ऐसे में कुछ बाते है जिनका ध्यान रखा जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि रात के समय भगवान की पूजा के नियम सुबह की पूजा से अलग होते है | आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे है |
शंख का वादन
भगवान की पूजा में शंख का वादन किया जाता है | बताया जाता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते है, तो बुरी शक्तियां इसकी ध्वनि से दूर होती है | लेकिन ध्यान रखे सूर्यास्त के बाद शंख का वादन ना करे क्योंकि सूर्यास्त के बाद देवी देवता शयन अवस्था में होते है | ऐसे में शंख की ध्वनि से परेशान होते है, इसीलिए शंख का वादन नहीं किया जाता है |
तुलसी के पत्ते तोडना
भगवान विष्णु की तुलसी का प्रयोग होता है | दिन के या सुबह के समय तो भगवान विष्णु की पूजा के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ लिए जाते है, लेकिन रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते है | ऐसा करने से तुलसीदेवी नाराज होती है, इसीलिए यदि रात के समय पूजा में तुलसी की आवश्यकता है तो दिन में ही पत्ते तोड़कर रख ले |
दूर्वा तोडना
गणेश जी, शिव जी माँ लक्ष्मी और सरस्वती व अन्य देवी देवताओं की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल किया जाता है | ऐसे में यदि आप रात के समय भगवान की पूजा करते है, तो ध्यान रखे सूर्यास्त के बाद दूर्वा ना तोड़े, ये अशुभ फल देता है |
पूजा सामग्री
रात के समय पूजा करने के कुछ समय बाद अक्सर लोग भगवान के सामने से फूल, चढ़ावा आदि हटा देते है, ये सही नहीं है | हमेशा ध्यान रखे कि भगवान की पूजा में इस्तेमाल की गयी सामग्री को रात भर यूँ ही पड़ी रहने दी जाए, उसे केवल सुबह के समय ही हटाए |