कई बार कुछ लोगो के साथ ऐसा होता है कि उन्हें अपने जीवन में सभी सुख मिल जाते है, लेकिन संतान सुख से वे वंचित रह जाते है | ज्योतिष शास्त्र में इसके पीछे की वजह कुछ श्राप पर दोषो को बताया है | इन दोषो के कारण ही कई दम्पतियों को संतान सुख नहीं मिल पाता है | ऐसे में आज हम आपको इसके कारणों और उपायों के बारे में बताने जा रहे है, तो आइये जानते है आज की इस पोस्ट में आपके लिए क्या खास है |
सर्प दोष
कुंडली में सर्प दोष की स्थिति होने पर भी संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती है | ऐसे में इस समस्या से जूझ रहे जातक को प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और साथ ही नाग पंचमी पर सर्प दोष से जुड़े उपाय करने चाहिए |
पितृ श्राप
ज्योतिष के अनुसार आंठवे स्थान में राहु का होना पितृ श्राप को दर्शाता है | इस श्राप का आशय यह है कि आपके पितृ आपसे प्रसन्न नहीं है | ऐसे में आपको अपने पितृ की शांति की पूजा करवानी चाहिए | साथ ही सूर्य देव की भी पूजा करनी चाहिए, इससे भी पितृ श्राप से मुक्ति मिलती है |
मातृ श्राप
संतान प्राप्ति ना होने की वजह मातृ श्राप होता है | जब कुंडली में पंचमेश चन्द्रमा के संबंधो पर आधारित होता है तब मातृ श्राप के योग बनते है | कुंडली में ऐसी स्थिति मंगल, शनि और राहु की दशाओं के कारण भी बनती है | ऐसे में आपको माता की सेवा करनी चाहिए और महिलाओं का सम्मान करना चाहिए |
ब्रह्म श्राप
ब्रह्म श्राप कूल 7 प्रकार के बताये गए है | जिनमे ब्राह्मण का अपमान भी शामिल है | ऐसे में ब्राह्मण को भोजन करवाए, उनकी सेवा करे | ब्राह्मणो की प्रसन्नता से आपको संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं समाप्त होगी |
ग्रह दोष
कुंडली में बुध और शुक्र ग्रह की दिशा गलत होने पर भी संतान सुख की प्राप्ति में बाधाएं आती है | इस दोष को दूर करने के लिए जातक को बुधवार के दिन हरी चीजों का दान करना चाहिए, और शुक्रवार को शिव जी की पूजा करनी चाहिए |