कई प्राचीन शास्त्रों में शनि ग्रह को सबसे क्रूर ग्रह बताया गया है परन्तु ये भी सत्य है की शनिदेव को न्यायाधीश भी कहा जाता है, क्योंकि वे मनुष्य के कर्मो का फल जरूर देते है | वैसे शनि के प्रभाव को शुभ नहीं बताया गया है, जब भी किसी पर शनि की वक्र दृष्टि या कुदृष्टि पड़ती है तो व्यक्ति का अशुभ समय शुरू हो जाता है |
शास्त्रों आदि में बताया गया है कि जब शनि की बुरी दृष्टि किसी पर पड़ती है तो हमारे कुछ अंग प्रभावित होने लगते है | ऐसे में समय रहते इसकी पहचान कर, उपाय करने की आवश्यकता है | आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे है, कि शनि की बुरी दृष्टि होने पर किस अंग पर प्रभाव पड़ता है और इसके क्या उपाय है |
ये सभी जानते है कि नाभि को जीवन का केंद्र बताया गया है | जब शनि का जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है तो नाभि से जुडी परेशानी उत्पन्न होने लगती है | ऐसे में आपको किसी बीमारी का अंदेशा हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले | इसके उपाय के लिए आप सूर्य नमस्कार करे, आप नाभि में सरसो का तेल लगाए, इससे नाभि मुलायम रहती है | इसके अलावा नाभि में घी लगाने से पेट की अग्नि भी शांत होती है |
हमारे शरीर की हड्डियां हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है | इन हड्डियों के बिना शरीर सिर्फ मांस के लोथड़े के अलावा कुछ नहीं है | ऐसे में इन हड्डियों का मजबूत होना बहुत आवश्यक है | लेकिन शरीर में कैल्शियम और आयरन की कमी होने की वजह से हड्डियाँ कमजोर होने लगती है |
इसके अलावा ऐसा भी बताया जाता है कि शनि की बुरी दृष्टि होने पर भी हड्डियां कमजोर होने लगती है | कई बार शनि की दृष्टि ही दुर्घटना के चलते हड्डी टूटने का कारण बनती है | ऐसे में आपको शनिवार के दिन छाया का दान करना चाहिए, साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए |